मंगलवार, 28 सितंबर 2010

पीड़ितों की गुहार अन्याय ना हो अबकी बार


गैस पीड़ितों ने अब मंत्री समूह में मध्य प्रदेश के नुमाइंदे और सरकार के गैस राहत मंत्री बाबू लाल गौर से मांग की है कि वह मंत्री समूह की बैठक में पीड़ितों के साथ होने जा रहे एक और अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करें। मन्त्री समूह की 28 सितम्बर को दूसरी बैठक होने वाली हैं। इस बैठक में 21 जून को हुई पहली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जाएगी। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक अब्दुल जब्बार कहते हैं कि मंत्री समूह की पहली बैठक में मुआवजे का जो निर्धारण किया गया है, उसका सिर्फ पांच फीसदी पीड़ितों को ही लाभ मिल सकेगा। जब्बार ने गौर को पत्र लिखकर कहा है कि वैधानिक रूप से यह प्रमाणित हो चुका है कि अब तक 15274 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 574000 लोग घायल हैं। पिछले फैसलों का हवाला देते हुए जब्बार ने कहा है कि पूर्व में जो मुआवजा 1,05000 लोगों को बांटा जाना था, वह 5,90000 के बीच बांटा गया। इतना ही नहीं मुआवजे की राशि का ब्याज पीड़ितों में नहीं बांटा गया। जब्बार ने बताया कि पूर्व में चिकित्सकीय वर्गीकरण के जरिए जिन पीड़ितों को साधारण श्रेणी में रखकर 25 हजार का मुआवजा दिया गया, उनमें से अधिकांश प्रभावित अब गंभीर श्रेणी में आ गए हैं। जब्बार के पत्र में गौर से उम्मीद जताई गई है कि वह पीड़ितों की बात को गंभीरता से मंत्री समूह की 28 सितम्बर को होने वाली बैठक में रखेंगे। जब्बार ने कहा है कि तमाम अस्पतालों में 25 साल बाद भी हर रोज 6,000 से ज्यादा मरीज उपचार के लिए आ रहे हैं, जो आंख, सांस, फैफड़े सहित अन्य विकारों से ग्रस्त हैं। मरीजों की संख्या बताती है कि दूसरी और तीसरी पीढ़ी भी रोगों की चपेट में है। भोपाल गैस पीड़ित संघर्ष सहयोग समिति की साधना कार्णिक का कहना है कि राजनीतिक पैंतरेबाजी के चलते ही गैस पीड़ितों के साथ अन्याय हुआ है और अब केंद्र सरकार ने मंत्री समूह बनाकर एक और अन्याय की शुरुआत कर दी है। कार्णिक ने प्रदेश के मंत्री बाबूलाल गौर से मांग की है कि वे पीड़ितों की आवाज को बैठक में उठाएं, ताकि अन्याय का सिलसिला खत्म हो।

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